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भारत में किडनी से जुड़ी बीमारियों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
अस्वस्थ जीवनशैली, अनहेल्दी डाइट, कम पानी का सेवन, ज्यादा प्रोसेस्ड फूड, चाय-कॉफी का अत्यधिक सेवन, और लंबे समय तक बैठे रहना—ये सभी कारण किडनी के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं।
किडनी हमारे शरीर में फिल्टर का काम करती है, जो खून से वेस्ट प्रोडक्ट्स और अतिरिक्त पानी निकालती है।
जब किडनी की क्षमता घटने लगती है, तो शरीर कई चेतावनी संकेत (Warning Signs) देता है। इन्हें समय रहते पहचानना बहुत जरूरी है।
जब किडनी सही से काम नहीं करती, तो शरीर में टॉक्सिन्स और फ्लूड जमा होने लगते हैं।
इससे सुबह के समय आंखों के आसपास और दिन में पूरे चेहरे पर सूजन आ सकती है।
लोअर लिम्ब एडिमा किडनी डैमेज का आम संकेत है।
जब प्रोटीन पेशाब के जरिए निकलने लगता है (प्रोटीनयूरिया), तो खून में एल्ब्यूमिन का स्तर गिरता है, जिससे तरल पदार्थ ऊतकों में जमा होने लगता है।
लगातार पेशाब में झाग या बुलबुले बनना इस बात का संकेत है कि पेशाब में प्रोटीन मौजूद है।
पेशाब का गुलाबी, लाल या कोला रंग होना खून की मौजूदगी का संकेत देता है।
इसके कारण:
यह एक इमरजेंसी सिचुएशन हो सकती है, इसलिए तुरंत नेफ्रोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
किडनी की बीमारी अक्सर धीरे-धीरे और बिना दर्द के बढ़ती है।
चेहरे या पैरों में सूजन, पेशाब में झाग या खून, और अन्य लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
समय पर जांच, ब्लड और यूरिन टेस्ट, और उचित इलाज से किडनी को बचाया जा सकता है।
यह लेख केवल शैक्षिक और जागरूकता के उद्देश्य से है।
स्वयं निदान या इलाज करने की बजाय, यदि ऊपर बताए गए लक्षण दिखें तो क्वालिफाइड डॉक्टर या नेफ्रोलॉजिस्ट से तुरंत संपर्क करें।